शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

अभिलाषा

मेरे एक मित्र ने जो युवा अभी हुआ ही था
मुझसे बोला अब मेरी शादी होना चाहिए
मैंने कहा यार मेरे तुझे जो पसंद आए
जरा हमें बतला दे वो कैसी होना चाहिए
लाल गाल कर शर्माते हुए वह बोला
चेहरे पे परियों सा नूर होना चाहिए
मीठे-मीठे बोल बोले हर पल मेरे संग
कंठ में कोयल सा स्वर होना चाहिए
और एक बात 'कवि' होगी जो बडी अहम
पतिव्रत में 'सीता' सम होना चाहिए
मैंने कहा सुन प्यारे जितना हो दामन अपना
उतनी ही सौगात की उम्मीद होना चाहिए
दूसरों का आंकलन करने से पहले सुनो
अपनी नजर में परख होना चाहिए
'सीता' जैसी अर्धांगिनी चाहते हो भाई मेरे
तो पहले आप खुद 'श्रीराम' बन जाइए!

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