रविवार, 10 फ़रवरी 2013

किसको डालूं वोट..

किसको डालूं वोट रामजी
सब में ही है खोट रामजी
किसको डालूं वोट...

वादों की भरमार है देखो
लूटा सब संसार है देखो
लोकतंत्र की मर्यादा पर
करते कैसी चोट रामजी
किसको डालूं वोट.....

नकली-नकली चेहरे हैं
राज़ बड़े ही गहरे हैं
सबने अपने मुखमंडल पे
डाली तगड़ी ओट रामजी
किसको डालूं वोट....

आज़ादी के खातिर देखो
कितने फांसी पर झूले
सत्तालोलुपता में नेता
वो कुर्बानी भूले
ऐसी बातें दिल को
मेरे रही कचोट रामजी
किसको डालूं वोट...

कवि-हेमंत रिछारिया

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